गैस के कारण पेट दर्द सर गंगा राम अस्पताल डॉ श्रीहरि अनिखिंद लक्षण बताते हैं और पेट फूलने से कैसे छुटकारा पाएं, जानिए घरेलू उपाय गैस्ट्राइटिस का इलाज


डोमेन्स

क्रोहन डिजीज, लिवर डिजीज, कैसर, डाइवर्टिकुलिटिस जैसी बीमारियों की वजह से भी गैस ज्यादा बन सकती है।
हर इंसान के पेट में 100 से 200 एमएल तक गैस हमेशा रहती है।

डॉ. श्रीहरि अनिखिंदी गैस से छुटकारा पाने के उपाय बताएं: जीवन में हर किसी पेट में गैस की समस्या से कभी न कभी कुछ ही होता है। पेट में गैस ऐसी चीज होती है जब यह ज्यादा लग जाती है तो मन को भी परेशान कर देता है। पेट बहुत ज्यादा फूलता है। ऐसा लगता है कि पेट बहुत ज्यादा तनावग्रस्त हो गया है। एक तरह से पेट का आचारा हो गया। कभी-कभी ऐसा लगता है कि पेट में गैस का विस्फोट हो रहा है। यह बहुत ही खराब स्थिति है। वास्तव में पेट में गैस या ब्लोटिंग और पेट में एसिडिटी या जीई लाभ को लोग एक ही समझते हैं लेकिन दोनों में बहुत अंतर है। अगर इसे सही से समझ लेंगे तो गैस से मुक्ति पाने के उपाय को भी आसानी से समझ लेंगे।

सर गंगाराम अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइंटोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीयरी बिजनेस के कंसल्टेंट डॉ। श्रीहरि अनिखिंदी (डॉ. श्रीहरि अनिखिंद) इस मामले को स्पष्ट करते हुए कह रहे हैं कि गैस में आमतौर पर पेट भारी हो जाता है और तानने लगता है, इसे चिकित्सकीय शर्तों में ब्लोटिंग कहते हैं। गैस का बड़ा बनना और बाहर निकलना कोई नुकसानदेह नहीं हो सकता है।

इसे भी पढ़ें- पेट को अंदर से सीरा देता है सूजन, कारण जानकर तुरंत करें समाधान, ये रहा घरेलू जहर

हर इंसान के पेट में हमेशा गैस बनी रहती है
डॉ. श्रीहरि अनिखंडी कहते हैं कि हर इंसान के पेट में 100 से 200 एमएल तक गैस हमेशा रहती है। लेकिन किसी व्यक्ति के लिए यही गैस का काम सबब बन जाता है तो किसी के लिए एकदम सहज रहता है। उन्होंने बताया कि हमारी आंतों में करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं। जो हम खाते हैं वही ये बैक्टीरिया भी लाभ हैं। इसकी पुष्टि होने के बाद इसकी पुष्टि होती है। इस प्रक्रिया में कार्बन डायऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सभी प्रमाणन, नाइट्रस शुद्धि, मिथेन जैसी गैसें बनती हैं। जब ये गैस ज्यादा बनने लगती है तो पेट में ब्लोटिंग हो जाती है। पेट तन जाता है और दिमाग खराब हो जाता है।

गैस बनने के कारण
डॉ. श्रीहरि अनिखिंदी ने बताया कि किसी व्यक्ति के पेट में ज्यादा गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ बीमारियाँ जैसे क्रोहन डिजीज (क्रोहन रोग), लिवर डिजीज, कैसर, डाइवर्टिकुलस आदि की वजह से भी गैस ज्यादा बन सकती है। इसके अलावा अगर पेट में इंफेक्शन हो गया है तो भी गैस ज्यादा बनी रहती है। वहीं आंत या मूत्राशय में ब्लॉकेज होने पर भी ज्यादा गैस बन जाती है। कुछ दवाओं से खाने के बाद भी गैस ज्यादा बनने की आशंका रहती है। इसी तरह इरेटेबल बाउल सिंड्रोम, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण भी बहुत अधिक गैसें बनती हैं। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव और अवसाद में रहते हैं तो गैस की समस्या भी ज्यादा रहती है। कुछ लोगों को किसी खास खाने से ज्यादा गैस बनती है। जैसे लेक्टोज इंटॉलरेंस से। भारत में करीब 70 प्रतिशत लोग मिल इंटोलॉरेस की परेशानी हैं।

गैस को कम करने का क्या है इलाज
डॉ. श्रीहरि अनिखंडी ने कहा, “यदि आपको कई दिनों से गैस परेशान कर रही है। पेट का आफरा बन रहा है जोर से तन रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि पहले यह पता लगाना जरूरी है कि गैस बनने की वजह क्या है। परीक्षण में हम यह देखते हैं कि गैस की वजह आंत की अंदरूनी बीमारी है या यह काल्पनिक चीजों के कारण है। यानी लाइफस्टाइल और डाइटिंग की वजह है।” डॉ श्रीहरि ने बताया कि ज्यादातर मामलों में गैस का कारण काल्पनिक होता है। यानी गलत लाइफस्टाइल और गलत डाइट की वजह होती है। इसके लिए हमें यह देखना होगा कि हमें क्या खाने से गैस ज्यादा बनती है। भारत में अधिकांश लोगों को मिल्लट इनटॉरेंस होता है। इसके लिए आपको दूध, बटर, चीज, मठरी से परहेज करना होगा। इसके साथ ही शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। नियमित व्यायाम करना होगा। बहुत से लोगों को तनाव और अवसाद की वजह से भी बहुत ज्यादा गैस बनती है। इसके लिए आपको योग और ध्यान करना होगा। लेकिन अगर आपकी आंत से संबंधित कोई बीमारी फैलती है तो इसका इलाज डॉक्टर ही करेंगे।

यह भी पढ़ें-गलत हो सकता है फास्टिंग शुगर की रिपोर्ट, मैक्स अस्पताल के डॉक्टर से पता करें कि सही जांच कैसे करें, यह तरीका

इसे भी पढ़ें- लिवर के कोने-कोने से छुपी गंदगी को निकाल दें ये 5 खाद्य पदार्थ, जीवन भर के लिए हो जाएंगे चिंताओं से दूर, आज से ही आज तक

टैग: स्वास्थ्य, स्वास्थ्य सुझाव, जीवन शैली



Source link

Leave a Comment