Understand the connection between weight gain and arthritis pain.-जानिए कैसे वजन का बढ़ना बढ़ा देता है आर्थराइटिस का दर्द।


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गठिया या गठिया के जोड़ों में दर्द या सूजन को कहा जाता है। उम्र के साथ हड्डियों के घिसने की वजह से घुटनों में दर्द आम समस्या है। गठिया का सबसे आम प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड गठिया है। यूरिक एसिड क्रिस्टल, जो आपके रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड होने पर बनता है, गाउट का कारण बन सकता है। गठिया के प्रकार के आधार पर उपचार अलग-अलग होते हैं।

आर्थराइटिस की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं, पहली तो विषमता के कारण दूसरी किसी चीज की कमी के कारण भी अर्थराइटिस हो सकता है जैसे कैल्शियम की कमी, प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर होना, मेटाबोलिक रेट में बदलाव होना। गठिया की समस्या आपके बढ़े हुए वजन के कारण भी हो सकती है तो चलिए बताते हैं कि आप किस तरह के वजन को कम करके आर्थराइटिस की समस्या से निजात पा सकते हैं।

बढ़े हुए वजन को कम करके किस तरह वात रोग इससे मिलने मिल सकते हैं ये जानने के लिए हमने बात की न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस जानकार करिश्मा शाह से। उन्होंने बताया कि वजन कम करने की वजह से शरीर में कई तरह के सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। इससे आर्थराइटिस की समस्या भी खत्म हो सकती है।

क्लैमा शाह के अनुसार उचित आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से गठिया के लक्षणों के प्रबंधन पर प्रभाव पड़ सकता है। अधिक वजन जोड़ों पर अतिरिक्त तनाव डालता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ जाती है।

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वजन कम करके, आप अपने जोड़ों पर दबाव कम कर सकते हैं और गठिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं। सर्दियों, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम के साथ, आप स्वस्थ वजन हासिल करते हैं और आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

- SureHealthGist
ज्वाइंट सर्जरी से पहले वजन कम करने से पार्टनरशिप कम हो जाती है। चित्र : उजागर करें

जानिए कैसे वजन कम करना आर्थराइटिस को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है

1 दर्द और दबाव को कम करता है

चार्मा शाह के शरीर के वजन का सिर्फ 10% कम करने से गठिया का दर्द आधा हो सकता है। जितना अधिक वजन कम होगा, आपके जोड़ों पर उतना ही कम दबाव डाला जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप आपका शरीर टूट-फूट कम हो जाएगा। धारणा से पता चलता है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीज जो सही आहार और दैनिक व्यायाम के बाद अपना वजन कम करते हैं, उन्हें घुटने के दर्द का कम अनुभव होता है।

2 जोड़ों का बेहतर काम करना

वजन आपके जोड़ों पर दबाव कम करता है जिससे संयुक्त कार्य में सुधार होता है। डॉक्टर धीरे-धीरे या तेज चलने से आपके जोड़ बेहतर महसूस कर सकते हैं

3 कम सूजन यानी कम मेहनत

सूजन कई ऑटोइम्यून समस्या जैसे रूमेटाइड गठिया, सोरियाटिक गठिया, ल्यूपस आदि को बदतर बना सकती है। वजन कम करने से शरीर में वसा का भंडार कम हो जाता है। इससे गठिया को बेहतर तरीके से करने में आपकी मदद मिलती है।

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4 बेहतर नियंत्रण रोग

धारणा से पता चलता है कि कम से कम 5 किलो वजन कम करने वाले रूमेटाइड अर्थराइटिस के साथ जुड़े हुए अधिक वजन वाले लोगों की तुलना में तीन गुना बेहतर रोग नियंत्रण था। यह स्कोर डॉक्टर अपने पुराने को बेहतर इलाज करने में मदद करता है

5 जोड़ों की सर्जरी में मदद करता है

ज्वाइंट सर्जरी से पहले वजन कम करने से पार्टनरशिप कम हो जाती है। इसके अलावा, सर्जरी के बाद पुनर्वास आसान है।

6 लंबे अनुबंधों को कम करता है

खोज से पता चलता है कि संधिशोथ वाले मित्र को हृदय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों के होने का अधिक खतरा होता है। वजन कम से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियंत्रण बना रहता है जिससे पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

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