खाने के बाद 15 मिनट पैदल चलने से कम होता है ब्लड शुगर स्पाइक रिसर्च का सुझाव, इससे टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मदद मिल सकती है, लक्षण और इलाज जानें


डोमेन्स

खाना खाने के बाद थोड़ी देरी से वॉकिंग ब्लड शुगर स्पाइक बहुत कम कर सकता है।
चौथे चरण से ब्लड शुगर लेवल कम होता है और इंसुलिन सेसेंटिविटी कम होती है।

ब्लड शुगर स्पाइक को कैसे नियंत्रित करें: विनोदी बहुत ही जटिल स्थिति है जिसमें हार्ट, बीपी, किडनी, आंख आदि से संबंधित बीमारियां होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिकॉर्ड के मुताबिक दुनिया में करीब 42.2 करोड़ लोग श्रद्धालुओं से जुड़े हैं। इसके साथ ही हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौत प्रत्यक्ष या बाहरी लोगों के रूप में होती है। भारत की स्थिति तो इस मामले में बहुत ही खराब है। वर्तमान में करीब 8 करोड़ लोगों को लाइन है और रिपोर्ट के तहत 2045 तक भारत में 13 करोड़ से ज्यादा लोग डायबेटिक होंगे। इसलिए भारत को कैपिटल ऑफ लाइन कहा जा रहा है।

हम सभी जानते हैं कि नियमित जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है और इस स्थिति में रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। अगर लाइफस्टाइल को ठीक कर लिया जाए तो इससे ब्लड शुगर का नुकसान हो सकता है।

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खाने के बाद पैदल चलने से ब्लड शुगर कम होगा

आजकल की गतिहीन जीवनशैली बहुत बड़ी समस्या है। अधिकांश विकारों की जड़ यही है। लोगों ने भौतिक गतिविधियों को बहुत कम कर दिया है। यदि भौतिक गतिविधियों को बढ़ा दिया जाए तो कई बीमारियाँ नहीं होंगी। जर्नल ऑफ स्पोर्ट मेडिसीन में खाने के हिसाब से एक रिपोर्ट छपी है, खाने के बाद थोड़ी देर के बाद वॉकिंग ब्लड शुगर स्पाइक बहुत कम कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक खाने के खाने के बाद अगर आप 15 मिनट तेज चलकर लेते हैं तो ब्लड शुगर बहुत घट जाएगा और टाइप 2 खाने का जोखिम भी बहुत कम हो जाएगा। अध्ययन के मुताबिक 15 मिनट के बदले अगर थोड़ी देर भी खाने के बाद पैदल चले जाएं तो यह ब्लड शुगर बहुत कम हो सकता है। पाठ्यक्रम ने सात तत्वों का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है।



पैदल चलकर अन्य लाभ

टमाटर अमेरिकन डायबेट्स एसोसिएशन के अनुसार पैदल चलने से बहुत से फ़ायदेमंद हैं। जो व्यक्ति एयरोबिक गतिविधियों को नियमित रूप से अपने जीवन में उतारता है, उसे कई बीमारियां भी नहीं लगती हैं। एयरोबिक या ब्रिस्क व्यायाम में तेज गति से पैदल चलना होता है जिसकी गति 6 -7 किलोमीटर प्रति घंटे से कम न हो। एसोसिएशन के अनुसार पैदल ब्लड शुगर लेवल डाउन होता है और लाइन से सेंटिविटी कम होती है। वहीं हृदय की सेहत बेहतर होती है और मेटाबोलिज्म मानदंड होता है। पैदल गति से विवरण पर भी डाला जा सकता है और बीपी को भी कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, पैदल चलने से गुड काउंट बढ़ते जाते हैं और बैड कोलेस्ट्रॉल का नुकसान होता है। इसके अलावा अवसाद, एंग्जाइटी भी दूर रहती है और मूड अच्छा रहता है और मेमोरी पावर भी बढ़ जाती है।

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